10 जनवरी 2010

लड़के को देख इतना गुस्साया कि कच्चा मांस खा गया

नौकर सुरेंद्र कोली के मानव मांस खाने की बात बिल्कुल सही है। लेकिन सभी बच्चों और अक्सर मांस खाने की खबर सरासर गलत है। गिरफ्तारी के दूसरे दिन ही पूछताछ के दौरान सुरेंद्र कोली ने यह बताया कि 8 साल के एक बच्चे का उसने मांस खाया था। वह भी कच्चा खा गया था। उसने बताया था कि बच्चे को लड़की को समझ कर मैने कोठी में बुला लिया। उसका मुंह बंद कर जब कपड़े उतारे तो पता चला कि वह लड़का है। इसके बाद वह इस कदर गुस्से में आया कि उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। शव के टुकड़े करने के दौरान ही उसने कच्चा मांस भी खा गया। क्योंकि इससे पहले भी गलतफहमी में वह एक लड़के को लड़की समझ कोठी में लाकर मौत के घाट उतार चुका था।
यहां मैं उस बच्चे का नाम नहीं लिख रहा हूं। इतना जरूर बता दे रहा हूं कि उसके पिता निठारी में दुकान चलाते हैं। कोली की यह बात सुनकर पुलिस भी दंग रह गई थी। पूछताछ कर रहे पुलिसकर्मी खामोश हो गए थे। इस बारे में जब तत्कालीन एसएसपी आर.के.एस. राठौर को जानकारी हुई तो उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए कि यह बात मीडिया में नहीं आनी चाहिए। क्योंकि इससे मामला बिगड़ सकता है। बच्चे के परिजनों पर बुरा असर पड़ेगा।
पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को तो नहीं लेकिन लखनऊ में एक सीनियर अधिकारी को यह जानकारी दे दी। दरअसल, नोएडा पुलिस की यह मजबूरी थी। क्योंकि वह लगातार निठारी पर अपडेट ले रहे थे। लेकिन उन अधिकारी ने इस बारे में एक न्यूज चैनल को जानकारी दे दी। यहां से यह जानकारी उस परिवार तक पहुंच गई।


बच्चे की मां दो दिनों तक अचेत पड़ी रही

एक मां का कलेजा कैसे खामोश बैठ सकता है जब उसे पता चले कि उसके लाडले का कलेजा ही कच्चा खा लिया गया। बच्चे की मौत से वह सदमे में तो थी ही। लेकिन जब यह पता चला तो वह दो दिनों तक अचेत रही। इस बारे में भी मीडिया को भी कुछ भी पता नहीं चले। इसलिए इस पर पुलिस अधिकारियों ने पर्दा डाल दिया। बताया जाता है कि अब भी वह महिला कभी-कभार अचानक बेहोश हो जाती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

मीडिया प्रेशर में मालिक व नौकर को बराबर को आरोपी बनाया गया

निठारी कांड के दौरान प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लगातार हैवानियत, नर पिशाच जैसे शब्दों का प्रयोग मालिक व नौकर के लिए प्रयोग किया जा रह...